राजधानी लखनऊ की एक बदतमीज़ लड़की ने निर्दोष cab driver को भरी सड़क मे 22 थपड जड़े

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रोडवेज की एक ऐसी घटना की चर्चा आज इस पोस्ट मे करेंगे जिसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। 

यह तस्वीर लखनऊ की है।  


जहां सड़क क्रॉस कर रही एक महिला की एक टैक्सी ड्राइवर से झड़प हो गई और इस दौरान इस महिला ने ड्राइवर को एक दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा थप्पड़ मारे पुलिस के मुताबिक यह तस्वीरें 30 जुलाई की है। 

• आगे बढ़ने से पहले आप यह पूरा पिक्चर ध्यान से देखें। यह जो पिक्चर आपने अभी देखा स्क्रीन पर इसका वीडियो 30 जुलाई से लगातार वायरल हो रही है जिसमें एक लड़की एक लड़के को 20 से 22 थपड झड़ते हुए दिखाई दे रही है। 

• जबकि उस लड़के की कोई गलती नही थी। यह तस्वीरें देखकर ऐसा लगता है कि महिला इस गाड़ी से शायद टक्कर होते होते बची महिला पैदल थी। और यह गाड़ी एक cab driver की है यह वही शख्स है। जिसकी पिटाई हो रही है, जो इस गाड़ी का ड्राइवर है और इसी गुस्से में इस महिला ने ड्राइवर की पिटाई की जब यह सब हो रहा था। 

• तब वहा पर ट्रैफिक पुलिस भी मौजूद थी लेकिन पुलिस की मौजूदगी में ही उस महिला ने Cab ड्राइवर को बहुत देर तक खुलेआम मारती रही इस दौरान ड्राइवर ने महिला से बदसलूकी नहीं की वह चुप चाप थप्पड़ खाता रहा उसे कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया कोई जोर जबरदस्ती नहीं की और वह कहता रहा कि अगर लड़का होता तो मैं बताता क्योंकि वह महिला है। इसलिए मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं लेकिन भीड़ लगी हुई थी। 

• एक व्यक्ति एक आदमी नहीं आया जो इसको बीच-बचाव करा सके और इस महिला को रोक सके। एक लड़का आया भी तो इस महिला ने उसे भी थप्पड़ मार दिया लेकिन उसके बाद वहा मौजुद पुलिस उल्टा उस महिला को रोकने के बजाये उस ड्राइवर को हि थाने ले गई। और शांति भंग करने के आरोप में इस टैक्सी ड्राइवर का चालान कर दिया और महिला को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया इस महिला की उम्र 28 से 30 वर्ष के आसपास बताई जा रही है। 

• इस युवक की चर्चा पूरे देश में हो रही है। पुरे देश में यही चर्चा हो रही है। की इस महिला को गिरफ्तार किया जाए और लोग महिला को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का तर्क है कि अगर इस महिला की जगह कोई पुरुष ये काम करता तो शायद अब तक वो जेल में होता और यह बहस छिड़ गई कि लोग ऐसे मामलों में बराबरी का अधिकार क्यों भूल जाते हैं। 

• जिनमें एक बहुत सारी महिलाएं भी टैक्सी ड्राइवर के समर्थन में आ गई है। देश की महिलाएं इस पूरे मामले में इस लड़की के साथ नहीं है, टैक्सी ड्राइवर के साथ है, और इस महिला की गिरफ्तारी की मांग हो रही है आखिरकार दबाव में आने के बाद लखनऊ पुलिस ने इस मामले में इस महिला के खिलाफ f.i.r दर्ज कर ली है, जिसका नाम प्रियदर्शनीयादव है। और इस कैब ड्राइवर का नाम शादाब अली अहेमाध है। जिसकी उम्र करीब 35 साल है। 

इस cab  से भी बात हुई और उसका कहना है। 

 
महिला के खिलाफ f.i.r. तो ठीक है लेकिन उसके आत्मसम्मान को जो चोट पहुंची है। उसका जो अपमान हुआ है इतने लोगों के सामने उसका क्या होगा. 

उस cab driver की स्पष्ट बाते। 


आलमबाग नहरिया चौराहे पर सिग्नल लाइट था मैंने वहां गाड़ी ग्रीन लाइट को देखकर ट्राफिक का पालन करते हुए मैंने अपनी गाड़ी पार कर दी महिला जो है। वह बहेश करके फिर वह वापस आई आने के बाद मेरा मोबाइल उसने तोड़ दिया मुझे बहुत मारा लगातार मुझे वह मारती रही. 



• तो देखा आपने ड्राइवर अगर उस महिला को माफ भी कर दे लेकिन दुनिया में यह घटना अब हमेशा के लिए दर्ज हो गई है। इसके बाद इसकी यादें हमेशा के लिए मिटाना किसी के लिए भी संभव नहीं होगा यह जो ड्राइवर है आप जब भी आप इसके बारे में सर्च करेंगे Google पर तो इस लड़के की सच्चाई दिखेगी। अब तक तो इसका वीडियो वायरल हो चुका होगा और यह लोग चाह कर भी इस घटना को कभी भुला नहीं पाएंगे ना तो यह ड्राइवर कभी भुला पाएगा ना इसका परिवार कभी भुला पाएग। 

 भारत मे अगर आप किसी Saarvjanik स्थान पर यह सड़क पर इस तरह से लड़ाई झगड़ा करते है। 


या किसी के खिलाफ हिंसा करते हैं तो इंडियन पीनल कोड की धारा 159 के तहत आपको 1 महीने की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी हो सकता है हालांकि जुर्माना सिर्फ ₹100 का है। अब आप सोचिए क्या इस महिला पर सिर्फ ₹100 का जुर्माना करके छोड़ देना चाहिए ज्यादातर मौकों पर पुलिस जुर्माना लेकर अपराधी को छोड़ देती है। महिला को भी ₹100 का जुर्माना करके छोड़ दिया जाए और यह वीडियो आप जब चाहे वह सालो तक दशकों तक जब आप चाहेंगे आप इंटरनेट पर जाकर इसे देख सकते हैं आम तौर पर भारत के कानून महिला और पुरुष में भेदभाव नहीं करते और अपराध करने पर सबके लिए बराबर का सजा का प्रावधान है। 




लेकिन जब इस तरह की कोई घटना।   


जब कोई महिला करती है इस तरह की बदतमीजी करती है तो पुलिस के कार्रवाई करने से बचती क्यों आज पूरे देश में महिलाओं को। ऊचा दर्जा देने के नाम पर क्या इस तरह की घटनाओं को ऐसे ही नजरअंदाज करते रहेंगे जब यह सब हो रहा था आसपास इतनी भीड़ खड़ी थी किसी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं थी।

 • जो इस महिला को रोक सके क्योंकि सब लोग जानते हैं कि अगर उन्होंने इस महिला को रोकने की कोशिश की बात अगर आगे बढ़ गई तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है सबसे बड़ी बात है, कि जब महिला ड्राइवर की पिटाई कर रही थी तो वहा काफि लोग मौजुद थे लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं दिखाई क्योंकि इन सब को महिलाओं के विशेष अधिकार देने वाले कानूनों का डर था। 

• और बहुत बार ऐसा होता है कि जब इस तरह की तस्वीरें आप देखते हैं तो उन्हें एडिट करके डाल दिया जाता है या उसकी अश्लील पिक्चर डाली जाती है। जिससे कई बार ऐसा प्रतीत होता है कि यह ड्राइवर ही इस महिला के साथ कोई बदतमीजी कर रहा है या कई बार ऐसा प्रतीत होता है कि जो हमारे पुलिस के जवान है वही महिला के साथ कोई बदतमीजी कर रहे हैं या उस महिला को जबरदस्ती रोकने की कोशिश कर रहे हैं और कितने पुलिस वालों पर इस तरह की घटनाओं के बाद कितने पुलिसवाले सस्पेंड हो चुके हैं क्योंकि उन्होंने नियमों को बराबर से पालन करने की कोशिश की थी। 

• इसलिए हमें आज इसके बारे में सोचना होगा नियमों के पालन से भारत के लोगों को एलर्जी है फिर चाहे मामला सड़क पर अपनी और दूसरों की जान बचाने का हो या फिर कोरोनावायरस से अपनी और दूसरों की रक्षा करने का।

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Mai harsh sahu

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