• लड़ाकू विमान एक ऐसा हतियार है जो जंग के मैदान को कुछ ही पल मे बदल के रख देता है, लड़ाकू विमान दुसमन् को संभलने का मौका नही देता राफेल के भारत आने पर लोग इतने जोश में क्यों है। और भारत की आम जनता भी विमान का बेसब्री से इंतजार क्यों कर रही है।
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पाकिस्तान की वायु सेना के ताकत के वो दिन।
आपको याद होगा वो समय जब 1971 मे भारत पाकिस्तान के बीच युध्द हुआ था, तो पाकिस्तान का अमेरिका के साथ अच्छा रिश्ता था। उस समय पाकिस्तान की वायु बहुत मजबूत हुआ करती थी। इसलिए क्योंकि पाकिस्तान को हथियार और मदत अमेरिका कर रहा था। इसलिए उसके पास बेहतर लड़ाकू विमान बेहतर हतियार हुआ करते थे।
• जब भारत ने 1962 मे भारत चीन युध्द मे भारत ने अमेरिका से उसके फाइटर प्लेन मदत के तौर मागे तो अमेरिका ने साफ इनकार कर दिया था। जबकि भारत ने कहा था। की उस फाइटर प्लैन का इस्तमाल पाकिस्तान के खिलाफ नही करेगा लेकिन अमेरिका ने मना कर दिया.
• लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक विमान दिए उसके बावजुद भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना को हरा दिया था।
• उदाहरण के लिए वर्ष 1962 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन आफ कैनिडी को पत्र लिखकर अमेरिकी वायुसेना के लड़ाकू विमान और उनकी मदद मांगी थी लेकिन अमेरिका ने भारत की मदत करने से साफ मना कर दिया था। भारत सरकार ने यह तक बात करी की भारत लड़ाकू विमान का इस्तमाल पाकिस्तान के खिलाफ नही करेगा।
राफेल के भारत आने से पहले हमारे देश मे क्या क्या हुआ।
हम लोग को एक बात गौर करनी चाहिए कि इन्हीं राफेल विमानों पर हमारे देश में सबसे बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ था, राजनीति हुई थी इस मुद्दे पर चुनाव तक लड़ा गया था यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक गया था।
• हमारे देश के मीडिया वाले भी इस राफेल फाइटर जेट के बारे मे पूरे देश मे इस विमान से सम्बंधित चर्चा करते थे बात करते थे। और तो और कितने महीनों तक राफेल के बारे में अखबारों के पहले पन्ने पर frant page यह खबर छपती थी, और कहा जाता था।
• राफेल फाइटर जेट की यह डील सही नहीं है, हमारे देश का एक वर्ग ऐसा भी था, जिन्होंने फ्रांस में लड़ाकू विमानों के समझौते को रद्द करवाने में पूरा जोर लगा दिया था।
कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता राफेल आने पर ना खुश
कांग्रेस पार्टी और उसके कई दिग्गज नेता राफेल लड़ाकू विमान की डील को रद्द करवाने की पूरी कोशिश की जिसका उदाहरण हम आपको को देंगे।
• जैसे राहुल गांधी ने इसे 2019 के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। जबकि भारत को राफेल फाइटर जेट की नई तकनीक वाले शक्तिशाली लड़ाकू विमानों को पिछले 2 दशकों से यानी 20 सालो से भारत को राफेल लड़ाकू विमान की बहुत ज्यादा जरूरत थी।
• जब राफेल का समझौता हो गया तो उससे हमारे ही देश के नेताओं ने अपनी राजनीति से इस राफेल लड़ाकू विमान को मंजूरी ना देने की पूरी कोशिश की है।
• राफेल लड़ाकू विमान को लेकर जिसको जितनी राजनिति करनी थी। आखिरकार वह असफल साबित हुए और 2016 में हुए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के समझौते के तहत 4 साल बाद अब 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच रहे हैं।
• इन सभी 5 राफेल लड़ाकू विमान को लेकर के हमारे भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट पूरी ट्रेनिंग के बाद फ्रांस से भारत लाये जा रहे हैं। 5 राफेल लड़ाकू विमान फिलहाल कुछ ही तैयारी के बाद थोड़ी ट्रेनिंग के बाद यह राफेल विमान अपने अपने मिशन के लिए वर्ष 2021 यानी अगले साल के आखिर तक सारे 36 राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएंगे।
आपको राफेल से सम्बंधित 2 बाते समझनी चाहिए।
इसलिए आज आपको दो बातें समझने चाहिए पहला भारत के लोग भारत की जनता राफेल के आने पर इतनी उत्साहित क्यों है और दूसरी बात यह पूरा 2019 का जो साल था खासतौर पर राफेल लड़ाकू विमान को लेकर के हमारे देश के नेताओं ने राजनीति की थी सुप्रीम कोर्ट तक लोग गए थे कितनी काटे बोये गए राफेल को लेकर के और आज शायद उन नेताव को भी समझ में आ रहा है कि यह विमान हमारे लिए कितना जरूरी था।
• और आज हमारी उन नेताओं को विनम्र निवेदन है, राहुल गांधी को भी निवेदन है। कि अब जब यह राफेल लड़ाकू विमान भारत आ रहे हैं अब हम यह देखना चाहते हैं कि वह इन विमानों के आने का विरोध करेगें या नही हम तो यही चाहेगे की राफेल लड़ाकू विमान का वह स्वागत करे पूरे देश को इंतजार रहेगा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इन राफेल विमानों के आने पर भी कुछ पोस्ट करें कुछ वीडियो जारी करें कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करें अपना कोई स्टेटमेंट दे बहुत दिलचस्प होगा यह जानना अब कांग्रेस पार्टी क्या करती है इनका स्वागत करती है या विरोध करती है।
• राफेल लड़ाकू विमानों को सैन्य मिशन के लिए तैयार होने में कम से कम 5 से 6 महीने लगते हैं लेकिन अभी की परिस्थिति को देखते हुए सीमा पर बहुत तनाव है इसलिए जानकारों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर यह लड़ाकू विमानों को 1 या 2 हफ्ते के अंदर ही सैन्य तैनाती के लिए तैयार किया जा सकता है भारतीय वायुसेना के पायलटों को जंग के मैदान मे जिताने के लिए पूरी तरह से यह राफेल लड़ाकू विमान प्रशिक्षित किए जा चुके है।
राफेल लड़ाकू विमान मे हवा मे भी ईंधन भरा जा सकता है।
हवा में इन विमानों में ईंधन भरा जा सकता है। विमानों को ला रहे भारतीय फाइटर पायलट रात में अबू धाबी में रुकेंगे वहां आराम करेंगे और फिर इसके बाद अगले दिन यानि कल अंबाला एयर बेस के लिए रवाना होंगे यह 5 राफेल विमानों की पहली स्क्वाडर्न का हिस्सा बनेंगे।
• राफेल बनाने वाली कंपनी फ्रांस की मशहूर रक्षा कंपनी एविएशन के चेयरमैन भी इस मौके पर मौजूद थी जाहिर सी बात है कि लड़ाकू विमान भारत और फ्रांस की सबसे मजबूत दोस्ती का प्रतीक बन चुके हैं।
• वैसे तो भारतीय वायुसेना ने वर्ष 1953 से फ्रांस के लड़ाकू विमान जैगुआर फाइटर प्लेन और राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना की पहचान है। राफेल और जैगुआर फाइटर प्लेन दोनों ही फ्रांस में बने हुए है। आज भी दोनों लड़ाकू विमान की बिल्कुल अलग है, क्योंकि एक बहुत बड़ा संदेश भारत के खिलाफ साजिश करने वाले को ऐसे देश के सामने भारत मजबूती से खड़ा है तो फ्रांस जैसा देश ने भारत को सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की समय पर डिलीवरी देने में कोई भी हिचक दिखा नहीं रहा है। फ्रांस ने इस समय जब भारत को राफेल विमान कि सबसे ज्यादा जरूरत थी।
• फ्रांस जैसे देश भारत का पूरा साथ दिया है। फ्रांस की वायु सेना और वहां की नौसेना पिछले 16 वर्षों से राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रही है यह लड़ाकू विमान अफ़गानिस्तान, लिबिया, इराक, और सीरिया के युद्ध में भी अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं, और इसी वजह से ही भारत जैसे देशों ने फ्रांस के साथ राफेल विमानों की खरीद का समझौता किया था वैसे भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस के लड़ाकू विमान ले ली है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक मे राफेल फाइटर जेट की कमी महसुस हो रही थी।
बालाकोट एयर स्ट्राइक मे मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के जरिए एयर स्ट्राइक की गई थी लेकिन भारतीय वायु सेना को राफेल लड़ाकू विमान की जरूरत थी। भारतीय वायु सेना को एक बेहतरीन लड़ाकू विमान की जरूरत 90 के दशक से ही महसूस हो रही थी।
• कई तरह के लड़ाकू विमान हर तरह के रोल और हर तरह के मिशन के लिए सक्षम होते है।
• भारत जब लड़ाकू विमान का चुनाव कर रहा था तो इनमें से किसी एक को भारत को चुनना था। लेकिन भारतीय वायुसेना ने जब बारीकी से इन विमानो के बारे मे परखा तो राफेल ने सबको पीछे छोड़ दिया पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान के मुकाबले राफेल लड़ाकू विमान कई गुना ताकतवर है, भारतीय वायुसेना के एक राफेल विमान ने पाकिस्तान पर हमला किया तो उसका मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को F16 विमान तैनात करने होंगे। आप समझ सकते हैं कि राफेल कितनी बड़ी ताकत है। क्योंकि F-16 फाइटर प्लेन पाकिस्तान के सबसे बेहतरीन विमान माने जाते हैं।
• पाकिस्तान ने F-16 फाइटर प्लैन अमेरिका से खरीदे हैं। लेकिन राफेल फाइटर प्लैन के सामने पाकिस्तान की शक्ति घटकर आधी रह जाएगी राफेल लड़ाकू विमान का इंजन इसका एयरप्लेन इसका डिजाइन और इसका एरिया सबसे बेहतर माने जाते हैं जरूरत पड़ने पर इस विमान का इंजन सिर्फ आधे घंटे में बदला भी जा सकता है। जबकि सुखोई 30MKI लड़ाकू विमान का इंजन बदलने में 8 घंटे लगते हैं। फ्रांस ने लड़ाकू विमानों का निर्माण भारतीय वायुसेना की कुछ खास जरूरतों को ध्यान में रखकर किये है। भारत के राफेल विमान में आधुनिक रेडार सिस्टम्स लगे हुए हैं। राफेल लड़ाकू विमान में इजराइल में बने हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले है।
जिससे पायलट जहां भी नज़र घुमाएगा प्लैन लगा पूरा हथियार वेपन्स सिस्टम उसे वही दिखने लगेगा।
• एक राफेल लड़ाकू विमान 24 घंटे में 5 बार उड़ान भर सकता है जबकि सुखोई 30MKI 24 घंटे में सिर्फ 3 बार उड़ान भरने में सक्षम है। आपको याद होगा बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अगर राफेल फाइटर जेट होता तो वह कहीं ज्यादा बेहतर नतीजे दे सकता था। भारत के 18 वर्षों के इंतजार के बाद भारतीय वायुसेना के लिए आधुनिक लड़ाकू विमानों का इंतजार अब खत्म हुआ है।
• आप इस पोस्ट को पढ़ कर आप समझ पाएंगे और राफेल की खासियत और भारतीय वायुसेना के लिए इस विमान की अहमियत को भी आज इस पोस्ट के जरिए समझेंगे।
• जो राफेल की उड़ान के रास्ते में रुकावट बनेगा वह जल के खाख हो जायेगा लेकिन आज तक भारत को कोई रोक नहीं सकता करीब 18 वर्षों से भारतीय वायुसेना राफेल लड़ाकू विमान का इंतजार कर रही थी।
• राफेल लड़ाकू विमान हवा से हवा और जमीन दोनों पर हमला कर सकता है।
• राफेल लड़ाकू विमान की छमता उसकी ताकत है, राफेल लड़ाकू विमान 150 km के दायरे मे किसी भी लड़ाकू विमान को नष्ट कर सकता है।