Smart phone ज्यदा चलना आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक संबित होगा।


Smart phone
और Smart phone के अंदर मावजुद इंटरनेट, सोशल मीडिया एक इंसान को अपनी ओर बड़ी ही तेजी से खीच रही है, इसका सीधा सा मतलब है। कि smart phone को कुछ ही दिन इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति स्मार्ट फोन पर निर्भर हो जाता है। 


तो दोस्तो आप सोशल मीडिया और इंटरनेट की लत से आप कैसे बच सकते हैं। क्योंकि यह स्मार्टफोन का नशा घर के बच्चों से लेकर घर के बड़ों तक पहुच गई है, और यह नशा है, इंटरनेट का नशा जो घर के बड़े लोग तर त्योहारों पर उपवास बड़ी आसानी से रख लेते थे। वह अब स्मार्टफोन का उपवास नही रख सकते ज्यादातर लोग कुछ घंटों के लिए भी अपने मोबाइलफोन से दूर नहीं रह पाते वह खाना खाना भूल सकते है। मगर फोन चलना नही भूलेंगे। 



लोग अपने स्मार्टफोन कि ओर इतना आकर्षित क्यों हो रहे है। 

दिमाग (मस्तिष्क) मानव शरीर के अंदर का एक ऐसा हिसा है, जिससे हमरा पुरा शरीर कंट्रोल होता है, हमारे शरीर के सभी अंग मस्तिष्क से जुड़े होते है।

मोबाइल फोन ज्यदा इतेमाल करने कि वजह है, हमारे दिमाग मे बनाने वाला केमिकाल जिसे (डोपामिन) कहते है। जो हमे और आपको खुशी का अहसास दिलाता है। जब आपलोग स्मार्टफोन के अंदर मवजुद इंटरनेट, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं या कोई वीडियो गेम खेलते हैं। 


तो आपका मस्तिष्क डोपामिन को धीरे धीरे रिलीज करने लगता है। क्योंकि दिमाग मे मवजुद केमिकल डोपामिन से आपको खुशी का एहसास होता है। इसलिए आप अपने मोबाइलफोन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं और आपको इसकी लत लग जाती है। जो आपके मन में कोई मनपसंद वस्तु खरीदने कि या किसी मनपसंद जगह पर घूमने जाने की इच्छा पैदा करता है। 

यानी कि आप इस डोपामिन केमिकल कि वजह से आप जीवन भर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अलग अलग जगह भागते ही रहेंगे।



मोबाइलफोन चलाने की लालसा। 


जब आप अपने मोबाइल फोन मे कोई वीडियो देखते है, तो वह वीडियो आपको जब अच्छी लगने लगती है, तो आप उसे देखते ही रह जाते है। हम आपको एक उदाहरण के जरिये समझाते है। कि एक फेमस yotuber है, और उसका एक फेमस YouTube चैनाल है। और आपको उसकी वीडिय काफ़ी अच्छी लगती देखने मे तो आप सब काम छोड़कर उस वीडियो को देखना पसंद करते है, और हमे खुशी देने वाला हमारे मस्तिष्क मे बैठा केमिकाल डोपामिन कि वजह से होती है। 


यह कभी ना खत्म होने वाली इच्छाओं की तरह है, और डोपामिन से ही पैदा होती है। लेकिन जब आप अपने मन कि इच्छाओं को पूरा नही कर पाते तो निराशा तनाव डिप्रेशन और स्ट्रेस में बदल जाती है। 

और अब डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक के पास जाते हैं, तो आप अपनी परेशानी उन्हे बताते है। आपको वो कुछ दवाई लिख कर देता है। लेकिन यह दवाएं भी डोपामिन को पूरी तरह कंट्रोल नहीं कर पाती है।



अब दुनिया भर के मनोवैज्ञानिक का कहना है, कि उन वस्तुओ से दूरी बनानी होगी जो आपके मन को अच्छी लगती हो आपको अपने मन को नियंत्रित करना होगा जैसे आप अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करते है। बड़ा सवाल है। जो आपको अपने मन से आज पूछना होगा क्या आपकी इच्छाएं आपके मन को कंट्रोल कर लिया करती हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले उन चीजों से दूरी बनानी होंगी जिसकी लालसा आपको सबसे ज्यादा परेशान करती है। यह आपका स्मार्ट फोन भी हो सकता है आपका सोशल मीडिया अकाउंट भी हो सकता है।


हमें अपने स्मार्टफोन पर दिखाई देने वाली दूसरों की जिंदगी बेहतर लगती है और उसी का हमारे ऊपर प्रभाव हो रहा है।

हम आप यही कहेंगे कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल आप उतना ही करे जितनी आपको उसकी जरूरत है 

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Mai harsh sahu

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