कोरोना virus का नया वेरिएंट ओमीक्रोन क्या तीसरी लहर के रूप मे आ रहा है।

 


दिल्ली-  आप की जानकारी के लिए आपको बता दे कि कोरोना का नया रूप हमारे आस पास घूम रहा है। कोरोना के नये वेरिएंट का नाम (ओमीक्रोन) रखा गया है। और यह वेरिएंट (साउथ अफ्रीका) मे पाया गया है, ओमीक्रॉन वेरिएंट के मिलने से पूरी दुनिया भर के देशों कि टेंशन बढ़ गई कितनी मुस्किल से लोग कोरोना वायरस के साये मे जिये लेकिन फिर से कोरोना वायरस ने अपना प्रचंड रूप दिखाया। मानो ऐसा लग रहा हो जैसे कोरोना वायरस कि मानव जाति से कोई खास दुश्मनी हो। 



कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रोन कितना खतरनाक है।


कोरोना का नया वेरिएंट भारत पहुंच चुका है, और भारत पहुचते ही ओमीक्रोन ने 2 लोगों को अपना शिकार बना लिया है। कोरोना का अब तक का सबसे खतरनाक वेरिएंट ओमीक्रॉन को बहुत घातक माना जा रहा है।


एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कर्नाटक में रहने वाले 66 वर्ष और 46 वर्ष के दो पुरुष ओमीक्रॉन Possitive पाये गये है। और सोचने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 66 वर्ष का व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका से भारत आया था। जबकि दूसरे व्यक्ति ने किसी भी देश की यात्रा की ही नहीं थी। इसलिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि इस 46 वर्ष के व्यक्ति को संक्रमण कहां से हुआ जबकि 46 वर्ष के व्यक्ति ने कभी विदेश गया ही नहीं इसके अलावा डराने वाली बात है कि यह दोनों लोग वैक्सीन कि दोनों डोज लगावा रखे थे। 


ओमीक्रॉन से संक्रमित 46 वर्ष का व्यक्ति जो खुद स्थानीय डॉक्टर है कर्नाटक का और उन्हें 21 नवम्बर को बुखार और बदन दर्द की शिकायत हुई और उसी दिन उन्होंने अपना आर्टिफिशियल टेस्ट करा लिया अगले दिन यानी 22 नवम्बर को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इस रिपोर्ट में उनकी (सीटी वैल्यूजो थी, वह काफी कम थी। आमतौर पर माना जाता है कि सीटी वैल्यू जितनी कम होती है। उस व्यक्ति में वायरल का लोड उतना ही ज्यादा होता है यानी इन्फेक्शन उतना ही ज्यादा होता है

इसके बाद 46 वर्ष के स्थानीय डॉक्टर के सैंपल को (जिनोम सीक्वेंसिंग) के लिए भेजा गया और इस बीच 22 से लेकर 24 नवंबर तक यह व्यक्ति को आइसोलेशन मे रखा गया। लेकिन 25 तारीख को उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यानी ओमीक्रॉन से संक्रमित लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन कर्नाटक में जिस स्थानीय डॉक्टर को इंफेक्शन हुआ है और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा बड़ी बात यह है कि वह कभी विदेश यात्रा पर गया नहीं हालांकि स्थानीय डॉक्टर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई जान उसकी बच गई। 


अब बात करते है, कि दूसरा व्यक्ति कहा से था, देखिए 66 वर्ष का दूसरा व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका का नागरिक था। जो 20 नवंबर को दुबई होते हुए दक्षिण अफ्रीका से भारत आया था। जिसकी वजह से दूसरे 46 वर्ष के व्यक्ति को भी संक्रमण हुआ। 


 


कोरोना का यह नया रूप लोगो के सिर पर मंडरा रहा है। कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रोन से लोगो को बिल्कुल संभल के रहने कि जरूरत है। हांगकांग देश में एक शुरुआती जांच हुई है। जिसमें यह पता चला है, कि ओमीक्रोन वेरिएंट हवा में डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा देर तक रहता है और यह हवा से भी फैल सकता है। 


भारत मे ओमीक्रोन के सिर्फ 30 मामले हैं, इसलिए आपको डरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है। और यह हमारा कर्तव्य है। कि हम ओमीक्रोन को भारत मे फैलने नही देंगे। आप यह प्राण ले कि हम ओमीक्रोन से सावधान रहेंगे। आज हांगकांग से एक ऐसी खबर आई जिसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है हांगकांग के स्वास्थ्य विशेषज्ञ जिन्होंने यह बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट हवा के जरिए बहुत तेजी से फैल रहा है जिसकी वजह से वहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं नवंबर महीने में हांगकांग में दूसरे देशों से आए 2 यात्री को एक होटल में तय नियमों के तहत क्वॉरेंटाइन में रखा गया। यात्रियों के सैंपल की (जिनोम सीक्वेंसिंगहुई तो यह पता चला कि इनमें से एक व्यक्ति कोरोना के इस नए वेरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित है। हालांकि इस दूसरे व्यक्ति में वायरस के कोई लक्षण नहीं थे। इसलिए उसे क्वॉरेंटाइन मे नहीं रखा गया और वही उसका इलाज किया गया। उसे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ी कुछ दिनों के बाद जब फिर से इन दोनों यात्रियों का टेस्ट हुआ तो पता चला कि दूसरा यात्री भी ओमीक्रोन से संक्रमित हो गया है हैरानी की बात यह है कि होटल में कभी भी इन दोनों लोगों के बीच में कोई संपर्क हुआ ही नहीं था।


 दोनों व्यक्ति अपने कमरे से 1 मिनट के लिए भी बाहर नहीं गए इनके कमरे के जो दरवाजे थे। वह पूरे 24 घंटे बंद रहते थे और सिर्फ खाना और दवाई लाने के समय अपने कमरे के दरवाजा खुलते थे। और डॉक्टरों का मानना है, कि इसी दौरान यह वायरस हवा के जरिए एक कमरे से दूसरे कमरे में पहुंच गया तो सोचिए 2 लोग आपस में मिले भी नहीं उनका कोई संपर्क नहीं है वह अपने अपने कमरे में बंद है। उनका कमरा खुला नहीं है। सिर्फ खाना लेने के लिए दवाई लेने के लिए कमरे को बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए खोला गया था। और इसके बावजूद यह 2 लोग जो अलग-अलग कमरे में थे। वह संक्रमित हो गए। 


जब कोई व्यक्ति खासता या छिकता है। और इस तरह की गतिविधि करता है, तो इस दौरान उसके मुंह और नाक से निकलने वाले कई ड्रॉपलेट्स हवा में घुल जाते है यह ड्रॉपलेट्स हवा मे मौजूद हो जाता है। इस तरह से वायरस हवा में रहता है। 

और फिर जब कोई व्यक्ति उसी हवा में सांस लेता है, तो फिर वायरस उसे भी संक्रमित कर देता है। वैज्ञानिकों को आशंका है। कि ओमीक्रोन वेरिएंट काफी देर तक हवा में रह सकता है और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले यह काफी लंबी दूरी तक हवा के जरिए ट्रैवल भी कर सकता है। 




शुरुआत में जब कोरोनावायरस आया था तब सोशल डिस्टेंसिंग और 2 गज की दूरी का नियम इसी लिए बनाया गया था क्योंकि वैज्ञानिकों का कहना था कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मरीज से 2 गज की दूरी पर खड़ा होता है तो फिर वह इससे संक्रमित नहीं होगा संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट हवा में तो जाएंगे लेकिन वह उस व्यक्ति तक पहुंचते-पहुंचते प्रभावी नहीं रहेंगे बल्कि वायरस निष्क्रिय हो जाएंगे। 


आइये समझते है। कि ओमीक्रोन कितना प्रभावी है।

किसी एक कमरे या हॉल में 5 से 10 लोग लोग मौजूद है। और सभी एक दूसरे से 2 गज की दूरी पर भी खड़े हुए हैं। अगर उनमें से एक भी व्यक्ति अगर कोरोना वायरस के नये वेरियन से संक्रमित है। तो सभी लोगों पर यह कोरोना वायरस हमला करने कि क्षमता रखता है। 

क्योंकि इस ओमीक्रोन वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट् से काफी ज्यदा घातक माना जा रहा है। 

 


ओमीक्रोन वेरिएंट से अपने आप को सुरक्षित कैसे रखे। 


अब कई लोगो का यह सवाल है। कि इस नये वेरिएंट से हम कैसे बचें। क्योंकि यह संक्रमण तो घर के अंदर भी हो सकता है यानी अगर कोई व्यक्ति वायरस से बचने के लिए घर में रहता है तो भी खतरा उसे है। अब हम आपको इसके बचाव के कुछ तरीके बताएंगे। पहला उपाय तो यही है। कि आप मास्क लगाना 1 मिनट के लिए भी छोड़े नहीं हर समय मास्क आपके चेहरे पर लगा होना ही चाहिए। 


और वह भी ठीक से लगा हुआ कोशिश करें कि घर में जब 3-4 लोग साथ में बैठे हो तो मास्क लगाकर ही रखें। डॉक्टरों की सलाह तो यह भी है, कि आप 2 मास्क लगाकर रखे। पहले लहर और फिर दूसरी लहर को अपने बखूबी देखा होगा। आप से हम यही कहेंगे कि ऐसी लापरवाही बिल्कुल ना करे जिससे कि तीसरी लहर आ जायें अगर तीसरी लहर आ गई तो वह बहुत खौफनाक मंजर होगा। 


 

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