रूस ने अपनी एक और ताकत दिखाई है रूस ने दुनिया के सामने एक ऐसा हतियार पेश किया है। जो किसी को भी खड़ी चुनौती दे सकती है। रूस अमेरिका और नाटो के देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस ने एक महाविनाशक अंडरवाटर ड्रोन सबमरीन बनाया है।
यह ड्रोन सबमरीन परमाणु हथियारों को ले जाने में भी सक्षम है। पानी के अंदर चलने वाला यह अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन इतना शक्तिशाली है कि एयरक्राफ्ट कैरियर और जंगी जहाज तक को तबाह करने में सक्षम है।
इस हतियार को आप ड्रोन सबमरीन भी कह सकते हैं यह समुद्र की गहराई से दुश्मनों पर नजर रख सकती है और जरूरत पड़ने पर हमला भी कर सकती है।
एक सबमरीन को नौसेना के जवान ही चलाते हैं लेकिन रशिया की (अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन ) यह सबमरीन बिना किसी इंसान की मौजूदगी के चलती है। अपने फाइटर ड्रोन को तो देखा होगा। जिस तरह से फाइटर ड्रोन जमीन पर होने वाले युद्ध की सूरत को पलभर मे बदल देते हैं। ठीक उसी तरह से समुद्र मे ड्रोन सबमरीन के मौजूद होने से समंदर में होने वाले युद्ध में ड्रोन सबमरीन बहुत असरदार साबित होंगे।
चीन के पास भी ड्रोन सबमरीन है। चीन ने अपने ड्रोन सबमरीन को समंदर में सिर्फ 10 मीटर कि गहराई तक उतार कर चीन ने दुनिया को हैरान कर दिया था।
रूस कि बनाई गई अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन समुद्र मे कितनी गहराई तक जा सकती है।
रूस ने जो ड्रोन सबमरीन बनाई है। वह 11000 मीटर कि गहराई तक जाने में सक्षम है। इसी खासियत की वजह से भारतीय सेना भी इस ड्रोन सबमरीन को खरीदना चाहती है।
इस ड्रोन कि खसियात है। इस ड्रोन सबमरीन का परीक्षण जनवरी 2021 के शुरुआती दिनों में किया गया था। रूसी सेना वर्ष 2027 तक ऐसे 30 अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन हासिल कर लेगी इसका काम समुद्र मे किसी भी जहाज या सबमरीन कि पहचान करना उसका पीछा करना और ऑर्डर मिलने पर हमला करना।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वर्ष 2018 में इस अंडर वॉटर ड्रोन सबमरीन का उद्धाटन किया था। रूस के अलावा कई और दूसरे देश में भी इस नए हथियार की तैयारी हो रही हैं। हलाकि इसमें रूस सबसे आगे है। रूस ने इस ड्रोन सबमरीन का नाम विद्यास दिया है।
यह ड्रोन सबमरीन जंग के मैदान में तो बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे। यह ड्रोन सबमरीन लंबे समय तक समुद्र में रहकर दुश्मन को भेदने मे सक्षम है। रूस के रास्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि यह अंडरवाटर ड्रोन सबमरीन बहुत गहराई मे जाने में सक्षम हैं और यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के बीच हमला कर सकता है। इस ड्रोन सबमरीन कि चलने कि रफ़्तर् एक नॉर्मल सबमरीन से ज्यादा है।
आमतौर पर एक नार्मल सबमरीन समुद्र में 400 से 500 मीटर की गहराई तक ही जा सकती है उससे ज्यादा नीचे जाने पर सबमरीन के टूटने का खतरा होता है।
लेकिन रूस कि अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन विद्यास की खासियत यही है। कि इस सबमरीन मे कोई इंसान नहीं रहता इसलिए इसको सबसे मुश्किल से मुस्किल परिस्थिति में भेजा जा सकता है।
इस ड्रोन सबमरीन का इस्तेमाल शांति काल में समुद्र की गहराई में छुपकर दुश्मन कि जाशुसि करना है, और युद्ध के दौरान अचानक हमला करने में भी किया जा सकता है। समंदर में भविष्य में होने वाली जंग मे यह अंडरवॉटर ड्रोन सबमरीन मुख्य भूमिका निभायेंगे।