पंजाब मे प्रधानमंत्री मोदी कि सुरक्षा मे हुई चूक से मोदी कि जान जा सकती थी। Modi's life could have been lost due to a lapse in the security of Prime Minister Modi in Punjab.

• एक देश के प्रधान मंत्री जिसके हाथो मे देश के विकास कि चाभी होती है, वह व्यक्ति कितना विशेष होता है, उसकी सूरक्षा कितनी विशेष होती है। आज की सबसे बड़ी खबर यह है कि पंजाब मे प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को केंद्र सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है। 


 और सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों की एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है और आने वाले दिनों में मोदी सरकार इस मामले में सख्त कदम उठा सकती है वह सख्त कदम क्या होंगे इस बात पर निर्भर करेगा कि जांच कमेटी कितने दिन में अपनी रिपोर्ट देती है। 


• पंजाब कि सरकार ने और पंजाब पुलिस ने सोचा होगा कि यह मामला इतना इतना गंभीर नहीं बनेगा और वह सिर्फ प्रधानमंत्री के अपमान तक बात सीमित रह जाएगी। 


प्रधानमंत्री मोदी कि रास्ट्रपति रामनाथ गोविंद के साथ मुलाकात। 


लेकिन अब यह मामला बहुत बड़ा बन चुका है। आज प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद के बीच एक खास मुलाकात हुई और इस मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति को खासतौर पर इस घटना की जानकारी दी उस घटना क्रम कि एक एक बात प्रधान मंत्री मोदी ने रास्ट्रपति रामनाथ गोविंद को बताई थी। जब प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को किसी घटना के बारे में जानकारी देते हैं। तो औपचारिक रूप से यह बात सामान्य बात बिल्कुल नहीं मानी जाती और इसलिए यह बात बहुत गंभीर है कि प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्रपति के साथ मुलाकात की और उस मुलाकात में आज उन्होंने पंजाब मे हुई इसी घटना का जिक्र किया है।

• इस देश में जहाँ सबसे ऊंचे स्तर पर चर्चा होती है वहां पर इस पूरी घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने आज कैबिनेट की बैठक में भी इस घटना का जिक्र किया और हमें यह भी पता चला है कि इस बैठक में मौजूद मोदी सरकार के तमाम मंत्रियों ने पंजाब सरकार के इस रवैया को लेकर बहुत नाराजगी जताई और कुछ मंत्रियों ने कड़े फैसले लेने के लिए राय भी दि है। मंत्रियों का यह कहना था कि यह घटना नही होनी चाहिए थी। और सरकार को इस मामले में कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। 


• और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है और अदालत इस मामले पर सुनवाई करेगी अदालत मैं इस घटनाक्रम के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इस मामले में मिल चुके हैं जो कि बहुत गंभीर बात है इसके बाद इस देश के मंत्रिमंडल ने इस पर आपत्ति जताई है और साथ ही पंजाब सरकार ने भी इतने सारे दबाव के बाद अब इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। 




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जो 3 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंप देंगे इसके अलावा आज कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी से फोन पर बात की है और इस घटना पर चिंता जताई है। सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री चरणजीत से जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही करने के लिए भी कहा है। अब यहां पर बड़ी बात यह है कि जब यह पूरी घटना हुई तो कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इस पर मजाक उड़ा रहे थे। 


 कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता का भद्दा बयान। 

 

 कांग्रेस पार्टी के जो प्रवक्ता है और उसमे जो बड़े नेता है उन्होंने भी साफ साफ यह कहा कि नरेंद्र मोदी नाटक कर रहे हैं। सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है बल्कि मोदी के वापस जाने का कारण यह था। कि जिस रैली में मोदी जा रहे थे उस रैली में  भीड़ नहीं आई थी। इसलिए मोदी वापस चले गए और अब यह कह रहे हैं कि उनकी सुरक्षा में चूक हुई है। 


• अब आप सोचिए कल तक कांग्रेस के तमाम नेता जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल है। इस मामले में खुशियां मना रहे हैं जश्न मना रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ा रहे हैं।  


• प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को बीच में रोक देना है। यह पंजाब सरकार कि रणनीति लगती है। प्रदर्शनकारियों को सड़क रोक देनी है और इस काफिले को वापस भेज देना यह फैसला लेने का इतना बड़ा काम है यह चन्नी अकेले अपने दम पर अपनी मर्जी से तो नहीं कर सकते थे जब तक कि उन्हें ऊपर से आदेश ना आये हो। 


• मुख्यमंत्री चन्नी प्रधानमंत्री मोदी का ना तो स्वागत करने के लिए गए और ना ही उन्होंने वहां जाना स्वीकार किया उस रैली में प्रधानमंत्री मोदी को इतनी सारी विकास योजनाओं का शिलान्यास करना था ऐसे समय में औपचारिक रूप से पंजाब के मुख्यमंत्री को मंच पर होना चाहिए था। क्योंकि सारी विकास योजनाएं उन्हीं के राज्य में ही होती लेकिन चन्नी ने वहां जाने से मना कर दिया मुख्यमंत्री चन्नी ने किसके आदेश पर वहां जाने से मना किया किसके आदेश पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने से इंकार कर दिया और किसके आदेश पर उन्होंने यह पूरे रास्ते को रुकवा दिया यह बड़ी बात है। 


• प्रधानमंत्री मोदी जब एक रास्ते मे बने उस फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा 20 मिनट तक गाड़ी में फंसे रहे बैठे रहे मोदी उन्हें भी बहुत सारी बातें समझ में आ रही होंगी और उन्होंने शायद यह कभी कल्पना नहीं की होगी कि एक दिन उनके जीवन में ऐसा समय आएगा जब इस तरह 20 मिनट उन्हें मुस्किल मे गुजारने पड़ेंगे और वह एक चक्रव्यूह में फंस जाएंगे ना आगे जा पाएंगे ना पीछे जा पाएंगे। और वह 20 मिनट ऐसे होंगे जहां पर कुछ भी हो सकता है उन्हें शायद आज अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा होगा और उनके आसपास जो लोग थे उन्हें भी शायद अपनी आंखों पर विश्वास नहीं था उन्होंने कल्पना नहीं की होगी किसी दिन अपने देश के प्रधानमंत्री को इस स्थिति में पाएंगे। 


• प्रधानमंत्री मोदी बठिंडा एयरपोर्ट  से वापस दिल्ली लौट रहे थे यानी जब गाड़ी वापस मुड़कर बठिंडा आ रही थी तब उन्होंने एयरपोर्ट पर मौजूद कुछ कर्मचारियों से क्या कहा क्या आपको मालूम है। प्रधान मंत्री मोदी उन्होंने कहा आप अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना कि मैं फिरोजपुर से बठिंडा तक जिंदा लौट पाया मुख्यमंत्री चन्नी जी का बहुत बहुत शुक्रिया आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हो यह प्रधानमंत्री के शब्द है। 


 • प्रधानमंत्री मोदी के मन मे इस घटना को लेकर उनके मन में क्या सवाल होगा उन्होंने उस वक़्त कैसा महसूस किया होगा और इस मामले में 2 बहुत बड़े सवाल खड़े होते हैं पहला प्रधानमंत्री में की सुरक्षा में चूक पंजाब सरकार और पुलिस की नाकामी का नतीजा है। और दूसरा सवाल कि यह जानबूझकर किया गया है। या यह किसी साजिश के तहत होने दिया गया है। क्योंकि सोचिये कि 150 से 200 पुलिस वाले घटनाक्रम पर मौजूद थे। जो आंदोलनकारी है, उनकी जो संख्या है मुश्किल से 50 से 100 के बीच बताई जा रही है। आंदोलनकरियो को पुलिस वाले रोक सकते थे। लेकिन उन पुलिस वालो ने ऐसा क्यों नही किया। क्या पुलिस उन आंदोलनकरियो को रोकने मे सक्षम नही थी। 




अगर यह घटना मोदी कि जान पर बन आती तो क्या होता। 


प्रधानमंत्री मोदी कि सुरक्षा मे तैनाथ SPG कमांडो वक़्त रहते वह सब कुछ कर देती जिससे प्रधानमंत्री कि जान बच जाती फिर चाहे प्रधानमंत्री को बचाने मे उन्हे प्रदर्शनकरियो पर गोली ही क्यों ना चलानी हो। SPG कमांडो के पास ऐसी बंदूक होतो है जिससे कि 500 मीटर कि दूरी तक निसाना लगाया जा सकता है। और ऐसा करने के लिए उन्हे किसी से परमिशन लेने कि जरूरत नही है। उस हालात मे वह खुद अपने आप कि सुनते है।क्योंकि उनके ऊपर एक प्रधानमंत्री को बचाने कि जिमेदारी होती है। और तो और उनके हाथो मे एक हैंड बैग होती है, जो कि कवच का काम करती है। उसका इस्तेमाल तब होता है जब गोलीबारी होती कमांडो इस बैग को खोलकर चारो तरफ से घेरा बना लेते है। जिससे कि प्रधानमंत्री को बचाया जा सकता है। 

• और SPG कमांडो के आखो मे एक काला चस्मा लगा रहता है, इसलिए क्योंकि जब बम ब्लास्ट हो तो उनकी आखे बंद ना हो। और भी खुफिया हतियार SPG कमांडो के पास होती है। जिसे भेदना दुश्मन के बस का नही होता है। 


 

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