क्या भारत मे कोयले (coal) कि कमी कि वजह से भारत बिजली संकट से जूझ रहा है।

अब एक और संकट भारत कि और बढ़ रहा है। और उस संकट का नाम है, बिजली light जी हा आप बिल्कुल सही सोच रहे हो भारत मे कोयले कि कमी के कारण क्या आप बिजली से दूर हो सकते हो। कितनी सच्चाई है, इस बात मे आइये जानते है। 



क्या कोयला ना होने कि वजह से भारत अब अंधेरे मे रहेगा। 

भारत के 130 करोड़ लोग आने वाले कुछ दिनों में इसी तरह अंधेरे में रहने पर मजबूर हो सकते हैं और उनके घर में भी बार-बार बिजली आ जा सकती है। आपने भी यह खबर सुनी होगी आप चाहे भारत के किसी भी शहर गांव में कस्बे में रहते होंगे आजकल बिजली बहुत जा रही है। 


कहा जा रहा है, कि भारत के पास सिर्फ कुछ ही दिनों तक का ही कोयला बचा है बिजली बनाने के लिए आज भी 70% बिजली का उत्पादन कोयले से ही होता है भारत मे अब कोयले कि डिमांड लगतार बढ़ रही है। 


अब कोयले कि सप्लाई भी कम हो गई है इसलिए हो सकता है कि आपको आने वाले कई दिन बिजली के बिना  ही बिताने पड़े इस सप्ताह की शुरुआत फेसबुक व्हाट्सएप ना चलने कि वजह के साथ हुई थी 6 घंटों तक दुनिया के 300 करोड़ लोग इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे। 



बिजली के संकट कि शुरूवात पहले कहा हुई। 


दोस्तो अगर आने वाले दिनों में पूरी दुनिया अंधेरे में चली गई यानी पूरी दुनिया में बिजली चली गई तो क्या होगा। बिजली के संकट की शुरुआत चीन से हुई थी। फिर यूरोप और दक्षिण अमेरिका के कई देश बिजली के संकट का शिकार हुए।


बिजली का संकट भारत को भी अपना शिकार बना लिया है इसलिए मामला बड़ा बेचिता है आप समझ सकते हो आने वाले कुछ दिन मे त्योहार है, दीवाली सर पर होगी  आपको उस समय अपने घर को लाइट्स से सजाना होगा   लेकिन हो सकता है कि अब आने वाले कुछ दिनों में बिजली की कमी पड़ जाए। 


भारत के कई बड़े पावर प्लांट्स में कोयले की भारी कमी हो गई है और इन पावर प्लांट में ही बिजली का उत्पादन आपके घरों दफ्तरों वा फैक्ट्री तक बिजली पहुचाने के लिए होता है और फिर यहां से बिजली की सप्लाई आपके और हमारे घरों में दफ्तरों में और फैक्ट्री होती है।  


हमारे देश मे 135 पावर प्लांट ऐसे हैं जो कोयले से चलते हैं 

इनमें से 107 पावर प्लांट ऐसे हैं। जिनके पास अगले कुछ दिनों या उससे भी कम दिनों तक का कोयला बचा है। 28 पावर प्लांट ऐसे हैं जिनका कोयला अगले दो दिनों में ही समाप्त हो सकता है। 



भारत की बिजली मंत्रालय टेंशन मे है। कोयले कि कमी कि वजह से आप के घर और दफ्तर कि बिजली आजकल बार-बार जा रही है फिलहाल सबसे खराब स्थिति लद्दाख, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश की है। भारत के बिजली मंत्रालय ने यह साफ कहा है, कि बिजली का संकट  अगले 5 से 6 महीनों तक बना रहेगा इसलिए लोगों को अभी से मानसिक वा सुचारु रूप से तैयार रहना चाहिए क्योंकि भारत में 70% बिजली का उत्पादन आज भी कोयले से ही  होता है। और अब कोयले कि डिमांड ज्यादा हो गई है।  


भारत कि अर्थव्यवस्था को क्या बिजली संकट से नुकसान होगा। 


भारत की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 ने काफ़ी हत तक नुकसान पहुचाया है। और भारत कि अर्थव्यवस्था तेजी से उभर रही है और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में पहले के मुकाबले अब ज्यादा बिजली इस्तेमाल हो रही है क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है फैक्ट्रियों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, जो कि बीच में सब रुक गया था। उससे भी ज्यादा बिजली की खपत अब हो रही है सिर्फ पिछले दो महीनों में ही भारत में बिजली की खपत 17% तक बढ़ गई है। 



भारत को पहले के मुकाबले अब और ज्यादा बिजली चाहिए। लेकिन अधिकतम् बिजली उत्पादन के लिए अधिकतम् कोयले मिलना आसान नहीं है। 


क्योंकि भारत की तरह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और फैक्ट्रियों में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रोडक्शन का काम होने लगा है इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत 40% तक बढ़ गई है। 


इसलिए कोयले के आयात पर असर पड़ा है और कोयला का आयात करना भी बहुत महंगा हो गया है। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार देश भारत है। लेकिन भारत में भी कोयला का उत्पादन पहले के मुकाबले कम हो रहा है और पिछले महीने हुई भारी बारिश की वजह से कोयले की खदानों में ठीक से काम ना होने कि वजह से भारत का घरेलू कोयला उत्पादन घट गया है। 


और भारत का पावर प्लांट कोयला जमा नहीं कर पाए आमतौर पर पावर प्लांट अपने पास कम से कम 2 हफ्ते तक का कोयला सुरक्षित रखते हैं। लेकिन ज्यादातर पावर प्लांट के पास एक हफ्ते का कोयला भी नहीं बचा है। 


और बरसात कि वजह से इसमें बहुत बड़ा  में विघ्न पैदा हुआ है। और बरसात की वजह से कोयला गीला भी हो गया है भारत को इसका हल ढूंढना होगा। क्योंकि इससे सिर्फ भारत के करोड़ों घर अंधेरे मे ही डुब जाएंगे बल्कि इसका असर दफ्तरों और फैक्ट्रियों पर भी पड़ेगा और हो सकता है कि दफ्तर और फैक्ट्रियों को कुछ समय के लिए शायद बंद भी करना पड़े। 


और अगर ऐसा हो गया तो भारत की अर्थव्यवस्था की जो हालत कोविड-19 ने कि है। अब वह हालत कोयले की कमी से हो जाएगी। 



फिल्हाल भारत में सर्दी आने वाली है और आमतौर पर सर्दियों में भारत में बिजली की खपत कुछ हद तक कम हो जाती है लेकिन फिर भी कोयले कि डिमांड और सप्लाई का अंतर शायद इतनी जल्दी कम नहीं होगा तो आप ऐसे समझ लीजिए कि इस समय बिजली की डिमांड कहीं ज्यादा है और सप्लाई बहुत कम है। कोयले कि भी डिमांड कहीं ज्यादा है पूरी दुनिया में कोयले कि सप्लाई कम है इसलिए पूरी दुनिया में कोयला महंगा हो रहा है। 


लेकिन इस संकट में सिर्फ अकेला भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के अलग अलग देश चुनौतियों का सामना कर रहे है। यूरोप में महंगाई पिछले 13 वर्षो के मुकाबले सबसे ऊंचे स्तर पर है चीन में भी कोयले की कमी की वजह से कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी है और दक्षिण अमेरिका में बिजली का संकट पैदा हो गया है आप सोच रहे हो ऐसा क्या हो गया अचानक सारे देश बिजली संकट से संघर्ष कर रहे हैं। 


वर्ष 2020 में पूरी दुनिया में  ज्यादातर देशों ने कोयले और तेल का उत्पादन भी कम कर दिया था क्योंकि इनके खरीदार ही नहीं बचे थे आपको याद होगा तब तेल भी सस्ता होने लगा था लेकिन फिर जरूरत उपलब्ध हो जाने के बाद आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई और ऊर्जा की डिमांड तेजी से बढ़ने लगी। 


आप घबराऐ ना सब ठीक होगा आने वाले समय मे

आप स्वस्थ रहे सुरक्षित है।

 

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Mai harsh sahu

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