जनसंख्या हमारे देश कि सबसे बड़ी समस्या है, इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।
सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश में जबसे नई जनसंख्या नियंत्रण नीति का शुभारम्भ हुआ है, तब से वह राजनीति नियंत्रण से बाहर हो गई है। क्या आप जानते हैं हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है। हमारी जनसंख्या आज आपको जो भी समस्या होती है। उसका एक बहुत बड़ा कारण आबादी है, हमारी आबादी बहुत बड़ी है इसलिए हमारे देश में नौकरियों की भी कमी होती है अस्पताल की भी कमी होती है, स्कूलों की भी कमी होती है और तो और सड़कों की भी कमी महसुस होती है। जिससे सड़को पर ट्रैफिक लगती हैं। और हमारे देश में व्यक्ति की भी कमी महसुस होनी चाहिए। अमेरिका जैसा देश जिसकी आबादी 30 से 35 करोड़ के बीच है, लेकिन हमारे भारत देश में 30 से 35 करोड़ की आबादी का कोई मायने ही नहीं है, क्योंकि हम 35 करोड़ नही बल्कि पूरे 135 करोड़ है इसलिए हमारे देश मे ट्रैफिक और लंबी लंबी लाइनों की समासेया होती है
लकिन नई जनसंख्या नीति के तहत
उत्तर प्रदेश ने अपने यहां जन्म दर को कम करने का एक लक्ष्य निर्धारित किया है,
1 यह नई जनसंख्या नीति है।
2 इस कानून पर इतनी राजनिति क्यों ?
3 इस नीति के लागू होने से क्या वाकई उत्तर प्रदेश को फायदा होगा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून को विस्तार से समझते हैै।
इस नई नीति के तहत उत्तर प्रदेश की सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक जन्म दर को 1.9 तक लाना है इस नीति के आधार पर उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जा सकता है इसके तहत जो लोग 2 से ज्यादा बच्चों को जन्म देंगे। उनपर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो सकता है, जिसका ड्राफ्ट सरकार ने तैयार कर लिया है
जो लोग 2 से ज्यादा बच्चों को जन्म देंगे उनके स्थानीय चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। उन्हें सरकारी नौकरी का लाभ नही मिलेगा। और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी पर भी उनका अधिकार नहीं बचेगा सरकार द्वारा आई योजनाओं का लाभ नही उठा सकते है।
जो लोग दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे उन्हें सरकारी सेवा की अवधि के दौरान दो बार अतिरिक्त इंक्रीमेंट मिलेंगे यानी उनकी तनख्वाह बढ़ जाएंगी जो पति, पत्नी इस नीति का पालन करेंगे
उन्हें 12 महीने की मेटरनिटी लीव मिलेगी और इस दौरान उन्हें पूरी तनख्वाह और दूसरे सुविधा भी मिलेगी और उनके नेशनल पेंशन स्कीम फंड में 3% अतिरिक्त राशि जमा की जाएगी।
आज से 20 साल पहले प्रदेश में एक हिंदू महिला औसतन 4 बच्चों को जन्म देती थी जबकि तब मुस्लिम महिलाओं में जन्म दर 4.8 हुआ करती थी 20 साल पहले एक मुस्लिम महिला चार या उससे भी ज्यादा बच्चों को जन्म देती थी या समझ लीजिए 5 बच्चों को लगभग जन्म देती थी यानी तब के हिसाब से देखेंगे तो एक हिंदू महिला 4 बच्चों को जन्म दे रही थी और मुस्लिम महिला 5 बच्चों को जन्म दे रही थी. वर्तमान present मे अब दोनों ही समुदायों में जन्म दर बराबर हो गई है। अब सरकार की चुनावती जनसंख्या, आबादी को काबु करना है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लोग धर्म की नज़र से देख रहे है। कुछ लोग का कहना की ये हमारे धर्म के खिलाफ़ है। लेकिन लोग ये समझ नही पा रहे है, की जनसंख्या नियंत्रण कानून को अगर विकास की नज़र से देखें। तो हमारी आने वाली पीढ़ी प्रभावित होने से बच जायेगी
जनसंख्या नियंत्रण कानून हमारी आने वाली पीढ़ी के लिये बहुत ही फायदेमंद संबित होगी