Sukhoi 30 MKI fighter jets और brahmos missile, सुखोई और ब्रह्मोस कि जोड़ी बेमिसाल।

 जय हिन्द. 

चीन के विस्तारवाद नीति को भारत बखुबी जनता है। चीन हमेशा दुश्मन की कमजोरी पर वार करता है। जिससे दुश्मन खौफज़दा हो जाय। और भारत ने चीन से आए इसी नीति को चीन के ऊपर ही प्रयोग किया। 




आज भारतीय वायुसेना ने तमिलनाडु के तंजौर एयरपोर्ट स्टेशन पर (सुखोई 30 MKI fighter jets और ब्रह्मोस मिसाइल) की विध्वंसक जोड़ी को तैनात कर दिया है। तंजौर मे सुखोई 30 MKI के मौजूद होने से अरब सागर और हिंद महासागर की सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी। 


दक्षिण भारत में आज भारतीय वायुसेना ने पहली बार अपने सबसे मजबूत फाइटर जेट सुखोई 30 MKI स्क्वाड्रन को दक्षिण भारत में तैनात किया है। सुखोई विमानों की पहली स्क्वाड्रन को सुपरसोनिक  ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया गया है।


 

एक स्क्वाड्रन मे कितने fighter jets होते है, आइये जानते है। 


एक स्क्वाड्रन में 18 फाइटर जेट होते हैं। लेकिन इसमें सभी सुखोई 30 MKI fighter jets है, और यह सभी लड़ाकू विमान समुद्र में मौजूद दुश्मन देश के किसी भी युध्दपोत पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से हमला कर सकते हैं। सुखोई 30 MKI fighter jets दुनिया के सबसे बेहतरीन फाइटर एयरक्राफ्ट में आते है। 


और ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल कि बात करे तो यह जमीन और समुद्र की सतह से काफी करीब से उड़ती है जिससे दुश्मनों के रडार इस मिसाइल को नही पकड़ पाते और इन दोनों हत्यारों कि जोड़ी को कई गुना बढ़ाने का काम हमारे देश के वैज्ञानिकों ने किया है।


पहली उड़ाना के बाद sukhoi 30 MKI fighter jets को वॉटर कैनल से सैल्यूट किया गया अक्सर ऐसा तभी होता जब फाइटर जेट की पहली या अंतिम सम्मान समारोह में किया जाता है। और आज तो सुखोई 30 MKI कि पहली उड़ान के सम्मान में वॉटर कैनल से सम्मानित किया गया उस मौके पर। डिफेंस के उच्च पद के अधिकारी जैसे (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS) जनरल विपिन रावत और वायु सेना प्रमुख भी वहा मौजूद थे। 



सुखोई 30 MKI fighter jets को चीन और पाकिस्तान के खिलाफ तैनात किया गया है। ब्रह्मोस मिसाइल। और सुखोई की तैनाती चीन के खिलाफ भारत की 2020 वाली रणनीति है। दक्षिण भारत मे मौजूद सुखोई 30 MKI fighter jets समुद्री सीमा की रक्षा के साथ साथ चीन के युद्धपोतों को घुसपैठ करने से भी रुकेंगे। और जरूरत पड़ने पर सुखोई fighter jets से दिन हो या रात किसी भी वक्त दुश्मन पर हमला करने मे सक्षम होगा


सुखोई क्या है, दक्षिण भारत के तंजौर से होने वाला ब्रह्मोस मिसाइल का हमला कितना असरदार संबित होगा। और तो और sukhoi 30 MKI fighter jets एक बार में करीब 3 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। अगर और ज्यदा दूरी तय करनी हो तो सुखोई 30 MKI हमेशा तैयार है। क्योंकि सुखोई fighter jet के अंदर हवा में ही इंधन भरा जा सकता है। 


और ब्रह्मोस मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक आवाज की रफ्तार से लगभग 3 गुना ज्यादा तेजी से हमला करती है। 


सुखोई लड़ाकू विमान की खासियत सुखोई 30 MKI और ब्रह्मोस मिसाइल मिलकर तंजौर के आसपास के करीब 34 किलोमीटर के दायरे मे एक सुरक्षा घेरा बनाएंगे और इस दूरी मे मौजूद दुश्मन का कोई भी युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल के सीधा निशाने पर होगा। तंजावुर के करीब हिंद महासागर का इलाका दुनिया का सबसे व्यस्त समुद्री हाईवे माना जाता है। सुखोई 30 MKI fighter jets चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ साथ भारत के व्यापारिक हितों की भी रक्षा करेंगा।  


हिंद महासागर से दुनिया के 80% कच्चे तेल का व्यापार होता है और यहीं पर दुनिया के 40% कच्चे तेल का उत्पादन होता है भारत के कच्चे तेल की आवश्यकताओं को पुरा करने के लिए 95% कच्चा तेल इसी समुद्री रास्ते से आता है। 




सुखोई 30 MKI और ब्रह्मोस मिसाइल कि जोड़ी भारत कि सुरक्षा       के लिए बहुत अहम है। 


ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर बनाया है। इसलिए ब्रह्मोस मिसाइल का सामना करना दुश्मन देश के बस मे नही है। 

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Mai harsh sahu

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