टोक्यो ओलंपिक 2021, टोकियो ओलंपिक मे भारत की जय जय कार भारत के खिलाड़ियों ने टोकियो ओलंपिक मे गोल्ड मेडल हसिल किये भारत के खिलाड़ियों ने जापान की जमीन से पुरी दुनिया को एक नया संदेश दिया

• ओलंपिक एक ऐसा खेल है। जिसे हर खिलाड़ी खेलना चाहता है। पर कुछ ही तकदीर वाले खिलड़ी इस मैदान मे उतरते है। जो अपने रास्ट्र के प्रति कुछ करने का जज्बा रखते हो। 

• अपने ओलंपिक खिलाड़ियों का ऐसा जबरदस्त स्वागत देखकर आप सबका दिल खुश हो गया होगा क्योंकि हमारे देश में ऐसा स्वागत इससे पहले या तो क्रिकेट के खिलाड़ियों का होता था या फिर फिल्म अभिनेताओं का होता था। यह भारत के क्रिकेट मैच की बात नहीं थी बल्कि पूरा भारत ओलंपिक मे हुए हॉकी मैच की बात कर रहा था इसलिए आज हम आपसे ओलंपिक खिलाड़ियों की सफलता का जश्न तो मनाएंगे क्योंकि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। और इस उपलब्धि को हमारे देश में और हमारे खिलाड़ियों से कोई छीन नहीं सकता लेकिन साथ ही यह भी बात करेंगे कि हमें अमेरिका चीन और जापान ने कितने मेडल जीते हमे अभी कितना समय लगेगा। 



• लेकिन उससे पहले आपको ये तस्वीरें दिखाते। 
आज हमारे खिलाड़ियों की जय जय कार हो रही है आज दिल्ली हवाई अड्डे पर इन खिलाड़ियों के पहुंचने के बाद उनके स्वागत में एक बहुत बड़ी भीड़ नाचते हुए गाते हुए दिखाई दे रही है। और दिल्ली ही नहीं आज पूरा देश फिर खिलाड़ियों का पूरे दिल से स्वागत कर रहा है लेकिन हमें यह सेलिब्रेशन और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान की भावना 24 घंटे में खत्म ना हो जाए इसलिए आज भारत के राजधानी दिल्ली में खिलड़ी पहुंचे हैं। 

• और दिल्ली में सबसे पहले इन्हे सम्मानित किया जाएगा और उसके बाद ही ये खिलड़ी अपने-अपने घर जाएंगे तो दिल्ली में आज केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व खेल मंत्री किरण ने सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया इस दौरान खिलाड़ियों ने देश के नाम क्या संदेश दिया वह आज आप सबको पता होना चाहिए। आज टोकियो ओलंपिक मे भारत का डंका बज रहा था। लेकिन 135 करोड़ भारतीयों का सिर गर्व के साथ हिंदुस्तान और दुनिया के अलग-अलग देशों में ऊंचा हो रहा था। आज भारत के खिलड़ी भारतीयों का दिल भी जीता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है ये गोल्ड मेडल पूरे इंडिया का है, जो हमारे खिलड़ी अपने साहस के बल ये गोल्ड मेडल जीता है। 

• टोकियो ओलंपिक की शुरुवात होने से पहले कुछ विशेष बाते 
राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी कल ओलंपिक खेलों की ओपनिंग सेरेमनी होगी और यह पहला मौका होगा जब ओलंपिक के उद्घाटन समारोह को बहुत ही सादगी भरे माहौल में आयोजित किया जाएगा इस समारोह में हर देश से बहुत ही कम संख्या में खिलाड़ी आपको दिखाई देंगे। 



टोकियो ओलंपिक के कुछ नये नियम। 


कोरोना काल के चलते मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को मेडल को चूमने kiss की इजाजत नहीं होगी आपने देखा होगा पहले जब gold medal मिलते थे तो खिलड़ी उसे सबसे पहले चूमा करते थे। 

 • लकिन इस बार टोकियो ओलंपिक मे खिलड़ीयो को गोल्ड मेडल चूमने की इजाजत नहीं होगी आपने देखा होगा पहले जब मेडल्स मिलते थे सेरिमनी में तो खिलाड़ियों उसे सबसे पहले kiss करते थे।

 • पहले ओलंपिक मे खिलाड़ियों के gold medal जितने पर ओलंपिक के आधिकारी उन्हें गोल्ड मेडल उनके गले मे पहनते थे लेकिन अब कोरोना काल मे covid guidance का पालन करते हुए खिलड़ी को gold medal खुद अपने गले में डालने होंग। 
 

विदेशों से आने वाले दर्शकों को स्टेडिएम् मे प्रवेश नही मिलेगा। 

 
स्थानीय दर्शक स्टेडियम में जाएंगे तो वह भी शोर मचा कर चिल्लाकर अपनी टीम के खिलाड़ी का समर्थन नहीं कर पाएंगे दर्शकों को सिर्फ तालियां बजाने की इजाजत होगी और ऐसा इसलिए क्योंकि अगर लोग शोर मचाएंगे या चिल्लायेगे तो फिर उनके मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट से वायरस के फैलने का खतरा होगा। 

• खिलाड़ियों को टीम में रहना होगा और उन्हें बिना वजह अपने कमरों से निकलने की इजाजत नहीं होगी लेकिन तमाम तैयारियों के बावजूद टोक्यो में बनाए गए ओलंपिक गेम्स विलेज टेनिस खेल गांव में अब तक कोरोना के 80 से ज्यादा मामले शामिल है। 





भारत से कुल कितने खिलड़ी इस टोकियो ओलंपिक मे शामिल हुए। 


भारत से कुल 228 सदस्यो का दल टोकियो ओलंपिक मे पहुचा जिसमे से 119 खिलड़ी टोकियो ओलंपिक मे शामिल हुए और यह ओलंपिक खेलों के इतिहास में भारत का अब तक का सबसे बड़ा दल है। लेकिन इन खिलाड़ियों को भी कोरोना वायरस से बच कर रहना होगा कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि इस बार ओलंपिक खेलों में जो देश सबसे ज्यादा मेडल जीतेगा वही इन खेलों का सिकंदर नहीं होगा बल्कि अपने खिलाड़ियों को covid -19 से बचाकर रखने वाले देशों के लिए भी यह बहुत बड़ी कामयाबी है,जो मेडल जीतने जैसी ही रहने वाली है।

• भारत के सबसे ज्यादा खिलड़ी किस किस राज्य से है, 
भारत के जो खिलाड़ी इन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे उनमें से सबसे ज्यादा हरियाणा और पंजाब राज्य से हैं कुल 119 खिलाड़ियों में से हरियाणा के 31 और पंजाब के 19 खिलाड़ी हैं। यानी भारत के इस दल में 40% खिलाड़ी सिर्फ अकेले इन्हीं 2 राज्यों से आते हैं भारत की कुल जनसंख्या में पंजाब और हरियाणा की हिस्सेदारी सिर्फ 4.4% है। इसके बावजूद दुनिया के बड़े बड़े खेल आयोजनों में सबसे ज्यादा मेडल भारत के इन 2 राज्यों के खिलाड़ी लाते है। 

• भारत की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 17% है लेकिन यहां के सिर्फ 8 खिलाड़ी ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर पाए जनसंख्या के मामले में छोटे राज्य होने के बावजूद हरियाणा और पंजाब खेलों में इतने सफल क्यों है। 

• पंजाब और हरियाणा खेल के मैदान मे इतने सफल क्यों है
 जनसंख्या के मामले में उत्तरप्रदेश सबसे आगे है, लेकिन वह का खेल बजट 255 करोड रुपए का है जबकि छोटा और कम जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद हरियाणा का खेल बजट उत्तर प्रदेश से 33% ज्यादा है और यह हाल तब है जब उत्तर प्रदेश की जीडीपी 20 लाख करोड़ रुपए और हरियाणा की 9 लाख करोड रुपए है। 

• हरियाणा का खेल बजट राजस्थान के मुकाबले 4 गुना ज्यादा है राजस्थान की सरकार ने अपने खिलाड़ियों पर सिर्फ 2 करोड रुपए खर्च किए जबकि हरियाणा की सरकार ने करीब 4 करोड रुपए खर्च किए राजस्थान की जीडीपी हरियाणा के मुकाबले 4 लाख करोड रुपए ज्यादा है राजस्थान की सरकार ओलंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए देती है हरियाणा की सरकार खिलाड़ियों की कामयाबी पर ₹6 करोड़ इनाम देती है हरियाणा में ओलंपिक खेलों की तैयारी के लिए खिलाड़ियों को 15 लाख रुपए मिलते हैं। राजस्थान में इतनी तैयारी के नाम पर सिर्फ ₹5 लाख मिलते हैं। 

• हरियाणा में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के कोच को भी 20 लाख रुपए दिए जाते हैं, जबकि राजस्थान में यह प्रावधान नहीं है इसी तरह खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के लिए हरियाणा में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 22 सेंटर है राजस्थान में 9 सेंटर है खिलाड़ियों को उनकी मेहनत के बदले में अच्छा पैसा मिलेगा अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। 

• हरियाणा और पंजाब के खिलाड़ियों के दमखम के पीछे इन राज्यों की सूची वाली संस्कृति का भी एक बड़ा नाम है। हरियाणा और पंजाब आज भी कृषि प्रधान राज्य माने जाते हैं यहां के लोग साल भर अपने खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। इसलिए यह लोग शारीरिक रूप से भी काफी मजबूत माने जाते हैं और यही वजह है कि हरियाणा के ज्यादातर खिलाड़ी उन खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

• जिनमें शारीरिक ताकत की काफी जरूरत होती है। जैसे कुश्ती और बॉक्सिंग हरियाणा और पंजाब के खिलाड़ियों की कामयाबी के लिए परिश्रम पुरस्कार की नीति को दे सकते हैं इस राज्यों की तरह अगर भारत के बाकी राज्य भी इस फार्मूले को अपनाएंगे तो
 वो दिन दूर नही जब भारत ओलंपिक जैसे खेलों में नए नए रिकॉर्ड बना पाएगा। 



• इसलिए यह पोस्ट आपको हमने दिखाई ताकि बाकी के राज्य सरकारें भी आज ये post देखें और यह सोचे हैं कि अगर हरियाणा और पंजाब जैसे छोटे राज्य अगर अपने राज्यों के लोगों में इस तरह की संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं, अपने खिलाड़ियों को इतनी सुविधा दे सकते हैं तो बड़े राज्य भी ऐसा जरूर कर सकते हैं, वह भी अपने खिलाड़ियों प्रोत्साहित कर सकते है। 
Adbhud knowledge

Mai harsh sahu

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