• Internet- हमारे जीवन का मूल आधार है, जिसमें मानव जाति द्वारा निर्मित उपकरण internet कि सहायता से चलते है।
• अगर स्पष्ट रूप से कहे तो इंटरनेट को सन् 1969 मे (बर्नर्स ली) ने इंटरनेट को बनाया था।
• और भारत मे इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त 1995 मे हुई। और भारत मे इंटरनेट (Internet) को आए हुए लगभग 26 वर्ष हो चुके हैं।
• भारत देश मे इंटरनेट कि शुरूवात करने वाली संस्था (विदेशी संचार निगम लीमेटेड VSNL) द्वारा कि गई जिन्होंने इंटरनेट को भारत मेे शुरू किया
• हम मुख्य रूप से- मोबाइल फोन, कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है, जो internet के द्वारा चलते है।• कल्पना कीजिए कि पूरी दुनिया में इंटरनेट से चलने वाले सभी डिवाइसेज निष्क्रिय हो जाए तो क्या होगा अगर आप भी स्मार्ट फोन यूज करते हैं या इंटरनेट से चलने वाले किसी और डिजिटल कैसेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह जानकारी जरूर पढ़नी चाहिए।
हमारे जीवन मे internet ना हो तो कैसा लगेगा।
एक दावा किया जा रहा है, कि कल मतलब 30 सितंबर को आपका स्मार्टफोन आपके स्मार्ट टीवी स्मार्ट वॉच टैबलेट और लैपटॉप इंटरनेट के बिना काम नही कर पाएंगे। यह तमाम डिजिटल उपकरण internet होने पर ही ठीक से काम करते है।
• शायद कल इंटरनेट की दुनिया में कुछ ऐसा होने वाला है जिसकी वजह से शायद आप इन डिजिटल गैजेट्स का इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं कल इंटरनेट जाम हो जाएगा आपने ट्रैफिक जाम तो सुना ही होगा ठीक वैसे ही।
internet के कारनामे।
लेकिन कल इंटरनेट जब होगा तो आप अपने मोबाइल फोन लैपटॉप या टैबलेट से इंटरनेट पर कोई वेबसाइट खोलते हैं। तो आपका डिवाइस सर्वर के जरिए इंटरनेट से कनेक्ट होता है। आपका डिवाइस यह चेक करता है कि आप जिस वक्त किसी वेबसाइट को खोलना चाहते हैं वह सुरक्षित है या नहीं।
एक एनजीओ द्वारा जारी किया जाता है।
दुनियाभर में इंटरनेट से चलने वाली ज्यादातर डिवाइस को सुरक्षा यह डिजिटल सर्टिफिकेट यही एनजीओ उपलब्ध कराता है। लेकिन इसके ज्यादातर हो रहे इस्तेमाल
कल्पना कीजिए कि यह डिजिटल सर्टिफिकेटना हो तो क्या होगा।
अगर आप किसी वेबसाइट खोलने की कोशिश करेंगे या फिर कोई ऐप डाउनलोड करेंगे तो हो सकता है कि डिजिटल सर्टिफिकेट ना होने की स्थिति में आपका डिवाइस इन वेबसाइट और इन लिंक को पहचानने असमर्थ हो वह इंकार कर दें आपका लैपटॉप आपका स्मार्टफोन सब के सब बेकार हो जाएगा।
• डिजिटल सर्टिफिकेट हमे यह देखता है कि जिन लिंग या वेबसाइट को आप खोलते है, वह सुरक्षित है या नहीं बल्कि वह यह भी सुनिश्चित करता है कि आप इंटरनेट पर जो भी सर्च कर रहे हैं या डाउनलोड कर रहे हैं वह एनक्रिप्टेड रहे इसका मतलब है कि उसे आपके अलावा कोई तीसरा व्यक्ति ना देख पाए।
आपके एंड्रॉइड आपरेटिंग सिस्टम का वर्जन कैसा है।
अब सवाल यह है कि यह कैसे पता चलेगा कि आपका डिवाइस इंटरनेट ब्लैकआउट का शिकार होगा या नहीं होगा अगर आप एंड्राइड डिवाइस इस्तेमाल करते हैं यानी आप एंड्राइड सिस्टम इस्तेमाल कर रहे हैं। और उसका ऑपरेटिंग सिस्टम 7.21 या उससे भी पुराना है तो आप नोट कर लीजिएगा अगर आपका एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम है और उसका जो वर्जन है, वह 7.21 है या उससे पुराना है तो आपकी डिवाइस के साथ कोई ना कोई समस्या आ सकती है। अगर आप एप्पल के डिवाइस इस्तेमाल करते हैं और आपके डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम पुराना या उससे भी पुराना है तो भी आपको समस्या आ सकती है, इसके अलावा विंडो एक्सपी पर चलने वाले कंप्यूटर और लैपटॉप भी। और इसी ऑपरेटिंग सिस्टम से चलने वाली ऑटोमेटिक टेलर मशीन जिसे आप एटीएम कहते हैं। वह एटीएम मशीन भी प्रभावित हो सकती है।
• इसके अलावा दफ्तरों में लगाई जाने वाली बायोमैट्रिक डिवाइस भी प्रभावित हो सकते हैं।
समझने वाली बात।
वैसे अगर आप अपने डिजिटल डिवाइस जैसे- कंप्यूटर, या लैपटॉप को लगातार अपडेट करते रहते हैं तो आपको डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर आपके यह डिवाइसेस अपडेटेड नहीं है,अगर आपके पास लेटेस्ट वर्जन नहीं है ऑपरेटिंग सिस्टम का तो आप इसे आज रात ही जल्द अपडेट कर लीजिए।
एंड्रॉइड फोन को भी अपडेट करना पड़ेगा।
अब समस्या यह है कि एंड्राइड या एप्पल आईओएस को अपडेट करने की जैसे कि जो स्मार्टफोन ज्यादा पुराने हो चुके हैं, उनमें आप लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम डाउनलोड नहीं कर सकते और इसके समाधान के लिए एक नया डिजिटल सर्टिफिकेट बनाया है जो वर्ष 2035 तक मान्य रहेगा।
• लेकिन यह भी उन डिवाइस पर ही काम करेगा जिनमें कम से कम 5 एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम हो लेकिन बहुत पुराने एप्पल डिवाइस का क्या होगा अभी स्पष्ट नहीं है।
• अगर आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर विंडो एक्सपी जैसे पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको भी इसे तुरंत अपडेट कर लेना चाहिए इसी तरह जो विभिन्न बैंक है, उनको भी आज रात को ही अपने यहा एटीएम मशीन अपडेट करने होंगे जो विंडो एक्सपी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं, भारत के लोग समय समय पर अपने डिवाइसेस को अपडटे कर ले तो कितना अच्छा होगा उनके लिए पर भारत के करीब 67% लोग कभी भी अपने डिजिटल डिवाइसेज को अपडेट करते ही नहीं क्योंकि लोगों को यह काम बड़ा आलसमय गैरजरूरी लगता है लेकिन यह सब काम हमें बताती है, हमे यह प्रेरित करती है की चाहे मोबाइल फोन हो या जीवन दोनों को समय-समय पर अपडेट करते रहने में ही अपनी भलाई है।
• क्योंकि ना जाने किस दिन पुराने डिजिटल सर्टिफिकेट और पुरानी सोच एक्सपायर हो जाए पुराने तौर-तरीके जीवन के इस रेस में पीछे छूट जाए।
• इसलिए हमे अपने काम के प्रति जिमेदार होना चाहिए।