काबुल airport पर isis ने बम धमाके किये इस धमाके मे 13 लोग मारे गये है, और कई लोग घायल हुए है

Isis आतंकवादी संघाटन को बहुत  जालिम और क्रूर माना जाता है। ये जिन देश पर अपना कब्जा करते है, उस देश को एकदम बर्बाद कर देते है।


आज हम आपको एक बहुत बाड़ी जानकारी देंगे जो  अफगानिस्तान से आई है। हालहि मे अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर आज शाम को एक के बाद एक दो बड़े ब्लास्ट हुए हैं और इन धमाकों में कम से कम 13 लोगों के मरने की आशंका है। और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं यह बड़े ब्लास्ट थे इस हमले में दो अमेरिकी नागरिकों के भी मारे जाने की खबर है, पहला धमाका काबुल एयरपोर्ट के गेट के पास हुआ और यह चार गेट में से एक है जहां से लोग इस एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश करते हैं जबकि दूसरा धमाका इसके थोड़ी देर के बाद एयरपोर्ट से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर एक होटल के पास हुआ है और यह हमला आत्मघाती हमलावरों ने किया है जिसे आप सुसाइड बॉम्बर कहते हैं इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस खुरासान ने ली है

Isis आतंकवादी आखिर कौन है    

Isis आतंकवादी संघाटन का पुरा नाम ( इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) है। जो बहुत बेरहम और जालिम है। और खुरासान का मतलब जिसके रास्ते कट्टर इस्लामिक ताकत है, जो पूरी दुनिया में इस्लाम को स्थापित करने का सपना देखती है 

आपके लिए इस समय जानने की दो बड़ी बातें हैं 

(1) कि काबुल एयरपोर्ट के दो अलग-अलग जगह पर हमले हुए है। पहला एक गेट पर और दूसरा उसके थोड़ा दूर एक होटल के पास ब्लास्ट हुए है। जो सुसाइड हमले है,  और इसमें अब तक 13 लोगों के मरने की खबर है और यह भी बताया जा रहा है कि दो अमेरिकी नागरिक भी इस ब्लास्ट मे मारे गए हैं

(2) कि इस हमले की ज़िम्मेदारी आईएसआईएस खुरासान ने ली है आज सुबह से काबुल एयरपोर्ट के इन चारों गेट को बंद कर दिया गया था क्योंकि अमेरिका और नैटो के देशों को इस तरह के आतंकवादी हमले की सूचना पहले ही मिल गई थी। उन्हें इस बात की आशंका थी उनके पास इस पूरे हमले की जानकारी इंटेलिजेंस टीम को थी और उन्होंने पहले ही चेतावनी दे दी थी। अब काबुल एयरपोर्ट पर इस तरह का कोई बड़ा हमला हो सकता है अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने भी इस धमाके की पुष्टि की है। और कहा है कि अभी और भी ऐसे धमाके हो सकते हैं या नहीं अभी दो धमाके हुए हैं काबुल एयरपोर्ट पर लेकिन आने वाले समय में कुछ घंटों में या कुछ दिनों में और धमाके भी इस तरह के वहां पर हो सकते हैं इसलिए अमेरिका ने अपने नागरिकों को पहले ही एयरपोर्ट से दूर रहने के लिए कह दिया है अपने तमाम नागरिकों को कहा है कि वह अभी एयरपोर्ट से दूर रहे फिलहाल एयरपोर्ट के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है 


लेकिन इस ब्लास्ट के बाद तालिबान क्या करेगा

 जिस तालिबान के पास सिर्फ हमला करने का ही अनुभव हो वह खुद पर हमला होने के बाद क्या करेगा और अपने देश के लोगों की जान कैसे बचाएगा तो समझने वाली बात यह है कि तालिबान तो खुद एक आतंकवादी संगठन है। अब तक तालिबान ने सिर्फ इस तरह के हमले किये है जैसा हमला आज उनकी एयरपोर्ट पर हुआ है। लेकिन जब पश्चिमी देशों ने यह चेतावनी दी थी कि आप के एयरपोर्ट के पास हमला हो सकता है। तब तालिबान को यह समझ में नहीं आया कि इस हमले को रोकना कैसे है। क्योंकि हमले को रोकने की ट्रेनिंग तो तालिबान के पास नहीं है। तालिबान को हमला करना आता है लोगों को मारना आता है, पर लोगों को बचाना उन्हें नहीं आता है हमले को रोकने की उनके पास कोई ट्रेनिंग नहीं है और हमला होने के बाद वापस कैसे कानून-व्यवस्था कायम करनी है कैसे उस प्रोटोकॉल को फॉलो करना है जो इस तरह के हमलों के बाद फॉलो किया जाता है कैसे लोगों का इलाज करवाना है अस्पताल ले जाना है। उसके बाद कहते हैं इन हमलों की जांच करानी है यह सब तालेबान को नहीं आता और बड़ी बात है जो आपको समझने की जरूरत है 

वह यह कि इस समय काबुल में और पूरे अफगानिस्तान मे ना तो कोई सरकार है ना वहां पर कोई सेना है ना वहां पर पुलिस है और ना ही वहां पर कोई। स्वास्थ्य विभाग है सरकार नहीं है तो इस हमले को रोकने की जिम्मेदारी कौन लेगा जब सेना ही नहीं है। जब पुलिस भी नहीं है तो फिर हमलो को रोकने के लिए कौन आगे आएगा. 

अफगानिस्तान मे स्वास्थ्य विभाग की स्थिति

अफगानिस्तान मे अस्पताल इस समय काम नहीं कर रहे हैं वहां पर दवाइयां नहीं है डॉक्टर नहीं है नर्स नहीं है इसलिए आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फिलहाल काबुल की क्या स्थिति होगी और काबुल मे दुनिया के तामाम मीडिय के लोग मावजूद है जो वहा से अफगानिस्तान की स्थिति के बारे मे बता रहे है. 


अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना डटी है, वह अपने नागरिकों को निकलने की पूरी कोशिश कर रही और तालिबान अमेरिका को चेतावानी दे चुका है, की वह अपनी सेना को 31 August 2021 तक अफगानिस्तान से निकाल ले तालिबान के इस फैसले से अमेरिका के राष्ट्रपति ( joe biden) को सोचने पर मजबुर कर दिया है। 

वही अगर भारत की बात करे तो भारत सरकार तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार नही मंती बल्कि उन्हे आतंकवादी संगठन ही मंती है, वही भारतीय सेना अफगानिस्तान मे जा रही है वहां से अपने नागरिकों को निकाल रही है

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