भारत और सऊदी अरब के बढ़ते रिश्ते जिसे देख पाकिस्तान डरा हुआ है।

 • सऊदी अरेबिय (saudi arebia) का अब नजरिया बदल रहा है, भारत और सऊदी अरेबिय एक अच्छे मित्र के रूप दुनिया मे नज़र आ रहे है। 





• जो देश आपसे झगड़ते है, वह देश आपके दुश्मन होते हैं। और जो देश आपसे जंग के मैदान मिलकर दुश्मनों लड़ते हैं, वह आपके सच्चे मित्र देश होते हैं।


युद्ध अभ्यास क्या है। 


देश कि ताकत को बर्करार रखने के लिए युद्ध अभ्यास किया जाता है। 

• और जो देश शांति काल में एक दूसरे के साथ मिलकर युद्ध का अभ्यास करते हैं वह देश सबसे पक्के दोस्त होते हैं। और ऐसी ही पक्की दोस्ती आजकल भारत और सऊदी अरब के बीच चल रही है। 










भारत का युद्ध पोत INS कोच्चि। 


हालहि मे भारत का युद्ध पोत सऊदी अरब पहुंचा और इस युद्धपोत का नाम है INS कोच्चि जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहली बार होने वाले युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेगा भारत कि नौसेना सऊदी अरब के एक बंदरगाह पहुंचा और इसका स्वागत सऊदी अरब की शाही नौसेना ने किया। 


• पिछले साल भारत के सेनाध्यक्ष जनरल एम्एम नरवाने सऊदी अरब की राजधानी रियाद गए थे उन्होंने सऊदी अरब की सेना के बड़े अधिकारियों से बातचीत की थी। 


और दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया और यह युद्ध अभ्यास इन्हीं प्रयासों का नतीजा है। 


क्या आपको मालूम है, INS कोच्चि का निर्माण हमारे भारत में ही हुआ। इस युध्दपोत को हमारे देश के इंजीनियर ने develop किया है। इस युद्घपोत के ऊपर ऐसी मिसाइलें है, जिन्हें पता लगाना दुश्मन के लिए आसान नहीं है। 


• युद्धपोत आज के समय में भारतीय नौसेना की शान है, भारतीय नौसेना दुनिया कि चौथी सबसे बड़ी सेना है। भारत अब खुद हतियरो का निर्माण कर रहा है।


जैसे- टैंक, लड़ाकू विमान, मिसाईल

भारत अब दूसरे देशों को हतियार बेचने मे सक्षम है, और सऊदी अरब दुनिया में हतियारो का सबसे बड़ा खरीदार है और भारत ने INS कोच्चि युद्ध पोत को सऊदी अरब भेज कर सऊदी अरब और पूरी दुनिया को बता दिया है। कि भारत भी आधुनिक हथियार बनाने में सक्षम और सऊदी अरब चाहे तो वह भारत से भी हथियार खरीद सकता है। 





सऊदी अरब कि भारत के साथ नज़दीकी - पाकिस्तान को सुट नही कर रही है। 


भारत और सऊदी अरब कि दोस्ती पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है इससे पहले दक्षिण एशिया में पाकिस्तान सऊदी अरब का सबसे बड़ा साझेदार रहा है पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली इस्लामिक देशों में से एक है। सऊदी अरब और वह खुद को पूरी दुनिया में इस्लाम का सबसे बड़ा ठेकेदार भी मानता है और सऊदी अरब के दम पर पाकिस्तान ने इस्लामी कट्टरपंथ के नाम पर चलने वाली दुकान खोल रखी थी। 


लेकिन अब सऊदी अरब नज़रिया बदल रहा है, और पाकिस्तान की दुकानों में बिकने वाली कट्टरपंथी विचारधारा के बहुत ही कम खरीदार दुनिया में बचे हैं। भारत और सऊदी अरब की जो जोड़ी है, सऊदी अरब से जो साझेदारी हुई है यह भारत कि डिप्लोमेसी की बहुत बड़ी जीत है। 


सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच दरार कब हुई। 

सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के रिश्ते वर्ष 2017 तक तो बहुत ही अच्छी हुआ करते थे तब पाकिस्तान के रिटायर्ड सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ़ को सऊदी अरब की आतंकवाद विरोधी सेना का प्रमुख बना दिया गया था जिसमें 39 देश शामिल थे 2019 में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त रास्ट्र United netions भाषण देने अमेरिका जा रहे थे तब सऊदी अरब के  क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को अपना प्राइवेट जेट दिया था। 


इसके बाद इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण दिया और कहा जाता है कि इस भाषण के बाद से ही मोहम्मद बिन सलमान इमरान खान से नाराज हो गए जब इमरान खान को अमेरिका से वापस लौटना था। तब इमारन खान को आखिरी मौके पर पता चला कि मोहम्मद बिन सलमान ने अपना प्राइवेट जेट वापस मांग लिया है इसके बाद इमरान खान एक कमर्शियल फ्लाइट से अपने देश वापस लौटे थे। 




सऊदी अरब ने पाकिस्तान को लोन के तौर मे दिये गाय पैसे को वापस मांग लिए जून के तौर पर पाकिस्तान को दिए थे।  


 सऊदी अरब का एक बयान था। कि भारत को कश्मीर समेत अपने आंतरिक मामलों में खुद फैसला लेने का पूरा अधिकार है। और यह पाकिस्तान के लिए एक और झटका था। 



• अगर सऊदी अरेबिय हमारे साथ युद्ध अभ्यास करता है, तो पूरी दुनिया को एक बहुत बड़ा संदेश पहुचेगा खासतौर पर जो इस्लामिक दुनिया है जो इस्लामिक देश हैं उनके लिए बहुत ही बड़ा संदेश है अमेरिका भारत और सऊदी अरब एक दूसरे के पास आ रहे हैं। एक दूसरे के साथ आ रहे हैं और उनके बीच जो सहयोग है वह रक्षा के मामलों तक पहुंच गया है। जब दो देशों के बीच में सबसे गहरी दोस्ती होती है वह तब होती है जब दोनों देश आपस में डिफेंस के मामले में भी एक दूसरे को मदद करने को अपना हाथ आगे बढ़ाते है। 
 

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Mai harsh sahu

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